गुरुवार, 31 मार्च 2011

क्षणिकायें --५


दीप
की सुज्वाल में शलभ राख जा बना ,
उड्गनों की ज्योति से न हट सका कुहर घना ,
सृष्टि क्रम उलझ सुलझ खो रहा है ज़िंदगी ,
नियति खोजती सुपथ बढ़ रही है उन्मना !


देख कर अवसान तारक वृन्द का ,
खिलखिला कर हँस पड़े पक्षी मुखर ,
है पतन उत्थान का अंतिम चरण ,
क्या कभी देखा किसीने सोच कर !


शलभ दीपक की शिखा पर रीझ कर ,
जब बढ़ा तब काँप कर उसने कहा ,
'ज्वाल हूँ मैं दूर रह पागल शलभ' ,
किन्तु सात्विक प्रेम कुछ सुनता कहाँ !


कल्पना ने जब वरण कवि को किया ,
साधना ने शक्ति अरु साहस दिया ,
लगन ने बाँधा उन्हें दृढ़ पाश में ,
शारदा ने प्रेम का आशिष दिया !


किरण


11 टिप्‍पणियां:

  1. कल्पना ने जब वरण कवि को किया ,
    साधना ने शक्ति अरु साहस दिया ,
    लगन ने बाँधा उन्हें दृढ़ पाश में ,
    शारदा ने .....


    तभी इतनी सुंदर रचना बनी -

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  2. देख कर अवसान तारक वृन्द का ,
    खिलखिला कर हँस पड़े पक्षी मुखर ,
    है पतन उत्थान का अंतिम चरण ,
    क्या कभी देखा किसीने सोच कर !


    शलभ दीपक की शिखा पर रीझ कर ,
    जब बढ़ा तब काँप कर उसने कहा ,
    'ज्वाल हूँ मैं दूर रह पागल शलभ' ,
    किन्तु सात्विक प्रेम कुछ सुनता कहाँ !

    पतन ही उत्थान का चरम है सब जानते हैं पर मानते कहां हैं । प्रेम की तो क्या कहें यह तो होता ही है सब कुछ निछावर करने का नाम ।
    सुंदर कविता, आप की सुंदर भाषा ने उसमें चार चांद लगा दिये हैं ।

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  3. शलभ दीपक की शिखा पर रीझ कर ,
    जब बढ़ा तब काँप कर उसने कहा ,
    'ज्वाल हूँ मैं दूर रह पागल शलभ' ,
    किन्तु सात्विक प्रेम कुछ सुनता कहाँ !
    mann ko bandhti rachna

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  4. वाह …………।बेहद उत्तम कृति।

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  5. सारे मुक्तक बहुत सुन्दर ...मन भाव विभोर हो जाता है माताजी की रचनाएँ पढ़ कर

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  6. आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (2.04.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
    चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

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  7. "कल्पना ने जब -----शारदा ने प्रेम का आशीष दिया "
    बहुत सुंदर भाव पूर्ण क्षणिकाएं हैं |
    आशा

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  8. सभी मुक्तक बहुत सुन्दर एवं मर्मस्पर्शी......

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  9. सुंदर रचना है जी, एकदम से दिल को छूती है...तरल प्रवाह है...भावुक करती है

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  10. क्या दृष्यांकन किया है..सभी मुक्तक बहुत सुन्दर ..उत्तम

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