शनिवार, 27 नवंबर 2010

मुझको ऐसे गीत चाहिये

मुझको ऐसे गीत चाहिये !
जो पतझड़ में मधुॠतु ला दे
मुझको वह संगीत चाहिये !

मुझको ऐसे गीत चाहिये !

जो चुन लायें श्रम के मोती,
जो वर लायें जीवन ज्योति,
जो चेतायें दुनिया सोती,
मुझको ऐसे मीत चाहिये !

मुझको ऐसे गीत चाहिये !

जो झोली भर दे दीनों की,
आहें छीने आधीनों की,
हों झंकृत तानें बीनों की,
मुझको ऐसी प्रीत चाहिये !

मुझको ऐसे गीत चाहिये !

दुखियों के अरमान दिला दे,
जीवन के वरदान दिला दे,
मर मिटने का मान दिला दे,
मुझको ऐसी जीत चाहिये !

मुझको ऐसे गीत चाहिये !

किरण

22 टिप्‍पणियां:

  1. गहन भावों की खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
    सादर
    डोरोथी.

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  2. बहुत मन को छूती कविता |सुंदर शब्द चयन |
    आशा

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  3. गहन भाव वाला सुन्दर गीत।

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  4. बहुत सुन्दर भाव ...बहुत अच्छी प्रस्तुति

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  5. 5/10

    "जो चुन लायें श्रम के मोती,
    जो वर लायें जीवन ज्योति,
    जो चेतायें दुनिया सोती,
    मुझको ऐसे मीत चाहिये !"
    सुंदर शब्द चयन
    सुन्दर भाव - सुन्दर गीत

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  6. "मुझको ऐसे गीत चाहिये !
    जो पतझड़ में मधुॠतु ला दे
    मुझको वह संगीत चाहिये"

    गीत का मुखड़ा ही बहुत अच्छा है

    सुन्दर अभिव्यक्ति

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  7. जो झोली भर दे दीनों की,
    आहें छीने आधीनों की,
    हों झंकृत तानें बीनों की,
    मुझको ऐसी प्रीत चाहिये ...

    बहुत ही सुन्दर ... आशा जगाता ... उमंग से भरा गीत ...

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  8. दुखियों के अरमान दिला दे,
    जीवन के वरदान दिला दे,
    मर मिटने का मान दिला दे,
    मुझको ऐसी जीत चाहिये !

    बहुत प्रेरक भावपूर्ण अभिव्यक्ति...आभार

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  9. दुखियों के अरमान दिला दे,
    जीवन के वरदान दिला दे,
    मर मिटने का मान दिला दे,
    मुझको ऐसी जीत चाहिये !

    सुन्दर गीत !

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  10. बहुत ही सुन्‍दर शब्‍द रचना ।

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  11. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी इस रचना का लिंक मंगलवार 30 -11-2010
    को दिया गया है .
    कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

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  12. बेहतरीन रचना..... भावपूर्ण अभिव्यक्ति....

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  13. बस पढ़ते रहने को ही दिल कर रहा है...."मुझ को ऐसा गीत चाहिए"....चर्चा मंच को धन्यवाद !आप के ब्लॉग का लिंक देने के लिए.

    सादर
    यशवंत

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  14. जो चुन लायें श्रम के मोती,
    जो वर लायें जीवन ज्योति,
    जो चेतायें दुनिया सोती,
    मुझको ऐसे मीत चाहिये......बहुत सुंदर रचना...

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  15. जीवन के प्रति इतनी आशावादिता क्षणभर उत्साह जगाती हैं। उम्मीद बंधती है कि दिन बहुरेंगे। सृजन ​के साथ समर्पित मंगलकामना।
    जो चुन लायें श्रम के मोती,
    जो वर लायें जीवन ज्योति,
    जो चेतायें दुनिया सोती,
    मुझको ऐसे मीत चाहिये !

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  16. sundar kavita.. aur bahut sundar chahat ... ki mujhko aisa geet chahiye.. sundar bhaav sundar shabd..sundar rachnaa..

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