शनिवार, 26 जून 2010

स्वप्न किसके सच हुए हैं !

स्वप्न किसके सच हुए हैं !
रो न पागल क्या क्षणिक सुख से अपरिमित दुःख मुए हैं !
स्वप्न किसके सच हुए हैं !

भाव उर के बूँद बनने को मचल सहसा पड़े हैं,
नयन शाश्वत बरसने को मेघ बन करके अड़े हैं,
जल उठी है आग उर में आह के उठते धुएँ हैं !
स्वप्न किसके सच हुए हैं !

कौन अपना बन सका है एक क्षण में, एक पल में,
तृप्ति किसकी हो सकी है वारि निधि के क्षार जल में,
बँध सके क्या पींजरे में गगन के उड़ते सुए हैं !
स्वप्न किसके सच हुए हैं !

भग्न कुटिया भा सकी क्या भुला कर अट्टालिकायें,
स्नेह बिन दीपक भला क्या रह सके हैं जगमगाए,
एक नन्हीं बूँद भी क्या भर सकी सागर कुए है !
स्वप्न किसके सच हुए हैं !

सूर्य की उज्ज्वल प्रभा का क्या किसीने पार पाया,
स्मरण उर में सदा ही वेदना का भार लाया,
क्या किसीने गगन उपवन के कुसुम गुच्छे छुए हैं !
स्वप्न किसके सच हुए हैं !

किरण

14 टिप्‍पणियां:

  1. सदा अधूरे ही रहे सच सच कहूं जनाब
    धनवानों के चोचले धनहीनों के ख्‍वाब

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  2. एक नन्हीं बूँद भी क्या भर सकी सागर कुए है !
    स्वप्न किसके सच हुए हैं !
    सुन्दर रचना

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  3. वर्मा जी ने कह दिया है मन की बात...उच्च पंक्तियाँ ...सुन्दर कविता .

    विकास पाण्डेय
    www.vicharokadarpan.blogspot.com

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  4. सुन्दर आलेख

    बहुत अच्छी रचना

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  5. क्या किसीने गगन उपवन के कुसुम गुच्छे छुए हैं !

    kaise kahun kuch, apalak nihaarun is kaavya ko, itni hi mati hai meri...
    bahut sundar

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  6. बहुत सुन्दर रचना....भाषा का सौंदर्य देखते ही बनता है

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  7. भग्न कुटिया भा सकी क्या भुला कर अट्टालिकायें,
    स्नेह बिन दीपक भला क्या रह सके हैं जगमगाए,
    एक नन्हीं बूँद भी क्या भर सकी सागर कुए है !
    स्वप्न किसके सच हुए हैं !
    सही कहा संगीता जी ने -- भाषा का सौंदर्य देखते ही बनता है । बधाई इस रचना के लिये। अमेरिका प्रवास कैसा चल रहा है? थर्टीन माईल ड्राईव जरूर देखें-- प्रकृ्ती के सुन्दर नजारे।

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  8. सुंदर शब्द चयन ,अच्छी रचना ।

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  9. बहुत ही भावभीनी रचना यथार्थ बोध कराती हुई…………………कल के चर्चा मंच पर आपकी पोस्ट होगी।

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  10. अति उत्तम रचना .......लाजवाब प्रस्तुति

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  11. शब्द और भाषा का सौंदर्य अनुपम है ...
    सुन्दर !

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  12. सूर्य की उज्ज्वल प्रभा का क्या किसीने पार पाया,
    स्मरण उर में सदा ही वेदना का भार लाया,
    क्या किसीने गगन उपवन के कुसुम गुच्छे छुए हैं !
    स्वप्न किसके सच हुए हैं !

    सुंदर रचना ......!।

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  13. "कौन अपना बन सका है ------"
    बहुत सुन्दर भाव लिए कविता | मम्मी की बहुत अच्छी कविता पढ़ने को मिली साधना |बधाई
    आशा

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  14. क्या कहा जाय! भाव पूर्ण। इस कविता मे ……अलंकृत शब्दयुक्त भावों का संग्रह अंतर्मन को छुए हैं। मर्मस्पर्शी…… आभार्।

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